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पेरियार के प्रतिनिधि विचार
- Editor(s):
- Pramod Ranjan (see profile)
- Date:
- 2016
- Group(s):
- Cultural Studies, Festivals, Rituals, Public Spectacles, and Popular Culture, Philosophy of Religion, Sociology
- Subject(s):
- Social justice, Caste, Caste-based discrimination, Democracy, Progressivism in literature, Indian mythology, Hinduism and politics, Dalits, Rāmacāmi, Ī. Ve., Tantai Periyār, 1878-1973, Indians--Politics and government
- Item Type:
- Book
- Tag(s):
- Social movements--Political aspects--Indian states--History, bahujan saahitya, Blasphemy--Social aspects
- Permanent URL:
- https://doi.org/10.17613/g3a3-9397
- Abstract:
- हिंदी में पेरियार का मूल लेखन और जीवनी उपलब्ध नहीं थी। सामाजिक आंदोलनों व अकादमियों में जो नई हिंदी भाषी पीढ़ी आई है, वह 'नास्तिक पेरियार' से तो खूब परिचित है और उनके प्रति उसमें जबर्दस्त आकर्षण भी है, लेकिन यह पीढ़ी उनके विचारों के बारे में कुछ सुनी-सुनाई, आधी-अधूरी बातें ही जानती है। वस्तुतः उसने पेरियार को पढ़ा नहीं है। उनकी 'द रामायण: अ ट्रू रीडिंग' का हिंदी अनुवाद 'सच्ची रामायण' शीर्षक से 1968 में 'अर्जक संघ' से जुड़े ललई सिंह ने प्रकाशित किया था, जिसे दिसंबर, 1969 में उतर प्रदेश सर्कार ने धार्मिक भावनाओं को आहट करने का आरोप लगाकर प्रतिबंधित कर दिया और इसकी सभी प्रतियाँ जब्त कर ली। 1995 में प्रदेश में पेरियार को अपने प्रमुख आदर्शों में गिनने वाले कांशीराम की 'बहुजन समाज पार्टी' सत्ता में आई, तब जाकर प्रतिबंध हटा। इसके बावजूद आज तक इस चर्चित किताब को प्रकाशित करने का साहस किसी प्रकाशक ने नहीं दिखाया तो इसके पीछे उत्तर भारत में प्रभाव शाली ब्राह्मणवादी ताकतों का भय, पेरियार के हिंदी विरोधी व कथित अलगाववाद के प्रति नासमझी व कई अन्य अंतर्निहित कारण रहे हैं।
- Notes:
- यह किताब दक्षिण भारत के महान दार्शनिक, विचारक और चिन्तक पेरियार के नाम से तो सब परिचित हैं लेकिन उत्तर भारत के हिन्दी क्षेत्र में उनके बारे में गंभीर और गहरी जानकारी की कमी दिखाई देती है। पेरियार पर हिन्दी में लिखित सामग्री की कमी भी इसका एक कारण है। उत्तर भारत या पूरी हिन्दी पट्टी के लिए यह पुस्तक पेरियार के सामाजिक, दार्शनिक योगदान को, उनके नजरिए को समझने के लिए ज़रूरी है।
- Metadata:
- xml
- Published as:
- Book Show details
- Pub. DOI:
- https://hal.archives-ouvertes.fr/hal-03754779/
- Publisher:
- The Marginalised Publication, Delhi/Wardha
- Pub. Date:
- 2016
- ISBN:
- 978-81-932584-6-0
- Status:
- Published
- Last Updated:
- 9 months ago
- License:
- Attribution
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Item Name: पेरियार-के-प्रतिनिधि-विचार.pdf
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